5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT पारद शिवलिंग EXPLAINED

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग Explained

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग Explained

Blog Article

श्रीरामचरितमानस मध्यप्रदेश धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

सैकड़ों गायों के दान हज़ारों स्वर्ण मुद्राओं के दान तथा चारों तीर्थों को जो पुण्य मि..

श्रीरामचरितमानस मध्यप्रदेश धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

इसकी स्थापना सोमवार के दिन चंद्र के होरा में करें।

very last 7 days I received the Parad Shivling, I had been looking forward to Monday to try and do the shivling pooja. I adopted the process as informed while in the e book recieved Together with the products.

कौन सी ऊँगली में कोनसा ज्योतिषीय रत्न धारण करना चाहिए ?

कहते हैं पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल सकती है. पारद शिवलिंग की पूजा सिर्फ जल और पुष्प अर्पित कर करना चाहिए. जिस घर में पारद शिवलिंग की पूजा होती है माना जाता है कि वहां स्वंय भगवान शंकर का वास होता है.

We use cookies together with other similar technologies to transform your browsing experience as well as the features of our web-site. Privacy Coverage.

शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग पर जल चढ़ाना पुण्य का काम है. इस जल को आप प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं और ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है.

When the mercury located in mother nature is introduced to its purest state through the Ashta Sanskar, it gets like nectar and is worshiped.



On the other hand, if you want, you can obtain the lab certificate of Parad Shivling from any genuine lab, if you discover every other metallic inside our parad inside the certificate other than pure parad and silver, as we declare.

श्रावण महीने में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है। श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों here से उनका आह्वान करें। ’ओम् नमः शिवाय। ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।

Report this page